कल 15 june 2025 केसरिया जी तीर्थ (rajasthan) में जैन लोगो के साथ बहुत ही अभद्र घटना घटी,
*समस्त जैन संघ*
सादर जय जिनेंद्र🙏🏻
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कल 15 june 2025 केसरिया जी तीर्थ (rajasthan) में जैन लोगो के साथ बहुत ही अभद्र घटना घटी, वहा मंदिर में जितनी भी देहरी है हर जगह छोटे मोटे पंडित लोगो को रोक रोक कर ये कहकर दक्षिणा माँगते है की ये भगवान से हमारे लिए अर्ज़ी लगायेंगे, 15 June को यहाँ “अहमदाबाद, सूरत, रतलाम” के कुछ यात्री आये हुए थे उन्होंने इस चीज़ का विरोध किया क्युकी हमारे तीर्थ की इतनी अशातना और तीर्थ में इतना पाखंड देखकर हर जैन के हृदय को आहात पहुचता ही है, विरोध से वहाँ के पंडित ने तो कदम पीछे ले लिए लेकिन वहाँ केसरिया जी में कुछ लोग (पंडे) हाथ में “रजिस्टर” लेकर घूमते है जो ख़ास कर जैन लोगो को पकड़ कर उनसे पैसे लिखवाते है उन्होने बीच में आकर सभी जैन यात्रियों को ये कहा की “हम जो करे ये मंदिर तुम्हारे बाप का नहीं है, और बहुत ही अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया उन लोगो ने जैन महिलाओं को अभद्र गालिया दी और जैन श्रावक का मुंह दबोचने पर उतर आए और महिलाओं को ये तक कहा की ‘तू मंदिर के पीछे मिल फिर तेरको बताता हूँ’” ये शब्द और परमात्मा के साथ हो रही अशातना देखने के बाद और गालियो को सुनने के बाद हमारे “जैन श्रावक और श्राविकाओ ने निडर होकर दृढ़ता के साथ उन लोगो का विरोध किया” जैन लोगो के लिए मन में इतना ज़हर रखने वाले ये रजिस्टर वाले (पंडे) वही है जो जैन लोगो के पास ही अच्छी अच्छी बाते करके और हमारे पूर्वजो के नाम और पहचान रजिस्टर में बता कर लोगो से ये कहकर पैसे माँगते है की “आपके पूर्वज भी यहाँ पैसे लिखवा कर गए है और हमने उनके नाम की अर्जी लगायी और भगवान के लिए सामग्री चढ़ाई तो उनके सारे काम हो जाते थे और आप भी पैसे लिखवाओ ताकि आपकी पीढ़ियो को आपका नाम याद रहे और हम आपके नाम से अर्जी लगायेंगे” और कई जैन इनकी बातो में आकर पैसे लिखवा देते है… ये वहाँ रोज़ इसी तरह लोगो से पैसे लेकर अपना गुज़र बसर करते है, इसका विरोध लोगो ने कई बार किया लेकिन केसरिया जी के कई लोग कहते है की हम जब किसी पैसे लिखवाने वाले को कहते है की “ये पाखंडी लोग है इनके पास मत लिखवाओ इससे तो भंडार में डाल दो तो बदले में वो लोग कहते है की हमारी मर्जी से हम लिखवा रहे है ये हमारे लिए अर्ज़ी लगायेंगे” आप लोग ख़ुद ही सोचो की जिनके मन में इतना ज़हर है की जैन लोगो को कह रहे है की तेरे बाप का मंदिर नहीं है और जैन महिलाओं के लिए गालिया और इतने अभद्र शब्द प्रयोग कर रहे है ऐसे लोग क्या हमारे लिए अर्ज़ी लगायेंगे सिर्फ़ जैन ही नहीं केसरिया जी के दूसरे लोगो ने भी इस बात की पुष्टि की है की ये लोग पाखंडी है, ये लोग “केसरिया जी कीकू भाई गज मंदिर” में आकर भी कई बार धर्मशाला में लोगो से अच्छी बाते करके पैसे लिखवा लेते है…. हर सच्चे जैन को पता है की हमारे धर्म में अर्ज़ी लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती हमारे परमात्मा हमारे भावो को हमसे भी बेहतर जानते है, यह तीर्थ चाहे किसीके भी under हो लेकिन है तो हमारे प्रथम तीर्थंकर “ऋषभ देव” भगवान ही… हमारा ये अति प्राचीन जिनालय आज जिस हाल में है उससे हम सब अच्छे से अवगत है… जब भी इस तीर्थ पर जाना होता है और लोगो के द्वारा जिस तरह ये तीर्थ पूजा जा रहा है, कोई कैसे भी वस्त्र में, कैसी भी स्थति में गर्भ ग्रह में जा कर दादा को स्पर्श कर लेता है केसर लगा देता है, बिना ये जाने की केसर या चंदन पूजा का क्या महत्व है ये सब देख कर हृदय क्षतिग्रस्त हो जाता है, *समस्त जैन संघ से निवेदन है की जब भी केसरिया जी जाये तो भंडार में पैसे चढ़ा दे लेकिन इन पाखंडी लोगो को पैसे देने की भूल बिल्कुल ना करे और तीर्थ की अशातना का हिस्सा ना बने* गुजरात और रतलाम के यात्री एक दूसरे से परिचित नहीं थे लेकिन सबके हृदय में जो जिनालय के हाल को देखकर दर्द हो रहा था वो एक दूसरे की आंखों में देख कर ही महसूस किया जा सकता था... तीर्थ रक्षा के साथ *शासन के सम्मान की रक्षा करना भी बहुत ज़रूरी है* वरना देश में हमारा मोल बस *Tax* भरने जितना ही रह जाएगा…शासन की महिलाये जब इस पाखंड और अशताना के ख़िलाफ़ इतनी दृढ़ता से उन लोगो का सामना कर सकती है तो समस्त जैन संघ को भी आवाज़ उठाने की और जागरूक रहने की बहुत बहुत आवश्यकता है🙏🏻🙏🏻
अब “श्वेताम्बर vs दिगम्बर” करने का समय नहीं है अब समय है एकजुट होकर सिर्फ जैन बन कर शासन के साथ और तीर्थों के साथ हो रही अशातना का विरोध करने का और शासन के सम्मान की रक्षा करने का
*जैन संघ से पुनः निवेदन है कि ऐसे लोगो के पास पैसे लिखवा कर पाखंड को बढ़ावा ना दे और इनका विरोध ज़रूर करे*
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*जय जिनशासन*
धन्यवाद🙏🏻